
खंडवा-बुरहानपुर को इंदौर हाई कोर्ट खंडपीठ से जोड़ने की मांग की सक्रिय पहल पंधाना विधायक की।
वर्षों पुरानी मांग को लेकर विधायक छाया मोरे ने की महामहिम राज्यपाल से मुलाकात।
महामहिम राज्यपाल ने जल्द महामहिम राष्ट्रपति को पत्र भेजने का दिया आश्वासन।
खंडवा। इच्छा शक्ति हो तो हर असंभव काम भी संभव हो जाता है। क्षेत्र के विकास का मामला हो या लोगों को आ रही समस्या का मामला हो उस विषय को समझ कर उसके निदान के लिए पंधाना विधायक छाया मोरे लगातार सक्रिय हैं। अपने क्षेत्र के विकास के लिए भी वे मुख्यमंत्री के साथ ही संबंधित विभागीय मंत्रियों से भी मुलाकात कर कार्यों को स्वीकृत करा रही है। समाजसेवी व प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया की वर्तमान में एक महत्वपूर्ण वर्षों पुराना 2 से 3 जीलो की समस्या वाला जनहित के मामले को पूरी सक्रियता के साथ अध्ययन करते हुए पंधाना विधायक छाया मोरे उठा रही हैं। पंधाना विधानसभा की विधायक छाया गोविंद मोरे ने इस मामले को लेकर जहां विधानसभा में प्रश्न उठाकर मुख्यमंत्री से भी चर्चा की उसके पश्चात गुरुवार को भोपाल के राजभवन में महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मुलाकात कर खंडवा एवं बुरहानपुर जिले को जबलपुर की बजाय इंदौर हाई कोर्ट खंडपीठ से जोड़ने की मांग रखी।
विधायक छाया मोरे ने महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल को बताया कि खंडवा और बुरहानपुर के नागरिकों को न्याय के लिए जबलपुर हाई कोर्ट जाना पड़ता है, जिसकी दूरी 500 किमी से ज्यादा है। इससे आम जनता को समय, पैसा और श्रम – तीनों में दिक्कत आती है। अगर इन दोनों जिलों को इंदौर हाई कोर्ट खंडपीठ से जोड़ दिया जाए तो इंदौर की दूरी महज 130 से 200 किमी ही रह जाती है, जिससे सस्ता और त्वरित न्याय सुलभ हो सकेगा।
प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि इससे पहले विधायक छाया मोरे ने 29 जुलाई को विधानसभा प्रश्न क्रमांक 628 के माध्यम से यह मुद्दा सरकार के सामने भी रखा था। महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने विधायक की मांग को गंभीरता से लेते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि इस विषय में वे शीघ्र ही महामहिम राष्ट्रपति और जबलपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।पंधाना विधायक छाया मोरे की इस पहल को लेकर क्षेत्र में और अधिवक्ताओ के बीच प्रशंसा हो रही है, पंधाना विधायक श्रीमती छाया मोरे द्वारा उठाया गया उपरोक्त विषय निश्चित प्रशंसा और तारीफ के काबिल हैं। क्योंकि ग्रामीण पृष्ठभूमि के पक्ष का जिनकी आर्थिक स्थिति अन्य जिलों के अनुपात में सुदृढ़ नहीं है उन्हें राहत मिलेगी।न्यायदान और न्याय प्राप्ति में भी सुलभता और सरलता हो जाएगी, क्योंकि यह आमजन के हक और सुविधा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कदम है।